ETV Bharat / city

अलवर में नहीं हैं पानी के इंतजाम, जलदाय विभाग कर रहा है बारिश का इंतजार

author img

By

Published : Jun 25, 2020, 5:14 AM IST

शहर में बीते दिनों से लगातार पानी समस्या बढ़ रही है. दिन भर लोग पानी के लिए प्रदर्शन करते हैं, तो वहीं कलेक्ट्रेट में महिलाओं की ओर से मटके फोड़कर प्रदर्शन भी किया जा चुका है. लेकिन जलदाय विभाग की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जलदाय विभाग के अधिकारी मानसून आने का इंतजार कर रहे हैं.

Water problem in alwar, alwar news
अलवर में नहीं हैं पानी के इंतजाम

अलवर. वैसे तो अलवर में साल भर पानी की समस्या रहती है, लेकिन गर्मी के मौसम में पानी की समस्या बढ़ जाती है. बीते कुछ दिनों से पानी के हालात ज्यादा खराब हो रहे हैं. लोग लगातार पानी के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं, तो वहीं जलदाय विभाग पानी के इंतजाम करने की जगह मानसून का इंतजार कर रहा है.

अलवर में नहीं हैं पानी के इंतजाम

अलवर जिले की आबादी 40 लाख से अधिक है. जिले में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिले में सतही पानी का कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे रहता है. अकेले अलवर शहर में प्रतिदिन 80 से 90 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है. इस तरह पूरे जिले में 150 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है, जबकि जलदाय विभाग की तरफ से केवल 70 से 80 एमएलडी पानी सप्लाई किया जाता है.

पढ़ें- भरतपुर में मानसून की दस्तक, जमकर बरसे बादल, मौसम हुआ सुहावना

शहर में बीते दिनों से लगातार पानी समस्या बढ़ रही है. दिन भर लोग पानी के लिए प्रदर्शन करते हैं, तो वहीं कलेक्ट्रेट में महिलाओं की ओर से मटके फोड़कर प्रदर्शन भी किया जा चुका है. लेकिन जलदाय विभाग की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जलदाय विभाग के अधिकारी मानसून आने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे पानी की डिमांड कम हो सके.

अलवर शहर की कृषि कॉलोनियों के अलावा 20 से अधिक ऐसे मोहल्ले हैं, जहां पर लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता है. कुछ जगहों पर 3 से 4 दिन में 1 बार पानी सप्लाई होता है. जलदाय विभाग के कार्यालय में समस्या लेकर आने वाले लोगों का तांता लगा रहता है.

इसको लेकर जलदाय विभाग के अधिकारी का कहना है कि जरूरत के हिसाब से ट्यूबवेल खोदे जा रहे हैं. अभी करीब 20 ट्यूबवेल खोलने की अनुमति मिली है. इसके तहत 8 ट्यूबवेल खोदे गए हैं. इनमें से कुछ ड्राई निकले हैं, जबकि कुछ में पानी अच्छा मिला है. इससे आसपास क्षेत्र के लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी.

कुछ क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब

अलवर जिले के कुछ क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब हो रहे हैं. बहरोड़, कठूमर, थानागाजी, राजगढ़ ऐसे क्षेत्र हैं, जो डार्क जोन से भी गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं. यहां पर पानी का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता तो वहीं ऐसे में लोगों को जीवन यापन करने में खासी दिक्कत होती है.

अलवर. वैसे तो अलवर में साल भर पानी की समस्या रहती है, लेकिन गर्मी के मौसम में पानी की समस्या बढ़ जाती है. बीते कुछ दिनों से पानी के हालात ज्यादा खराब हो रहे हैं. लोग लगातार पानी के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं, तो वहीं जलदाय विभाग पानी के इंतजाम करने की जगह मानसून का इंतजार कर रहा है.

अलवर में नहीं हैं पानी के इंतजाम

अलवर जिले की आबादी 40 लाख से अधिक है. जिले में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. जिले में सतही पानी का कोई इंतजाम नहीं है. ऐसे में पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे रहता है. अकेले अलवर शहर में प्रतिदिन 80 से 90 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है. इस तरह पूरे जिले में 150 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है, जबकि जलदाय विभाग की तरफ से केवल 70 से 80 एमएलडी पानी सप्लाई किया जाता है.

पढ़ें- भरतपुर में मानसून की दस्तक, जमकर बरसे बादल, मौसम हुआ सुहावना

शहर में बीते दिनों से लगातार पानी समस्या बढ़ रही है. दिन भर लोग पानी के लिए प्रदर्शन करते हैं, तो वहीं कलेक्ट्रेट में महिलाओं की ओर से मटके फोड़कर प्रदर्शन भी किया जा चुका है. लेकिन जलदाय विभाग की तरफ से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जलदाय विभाग के अधिकारी मानसून आने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे पानी की डिमांड कम हो सके.

अलवर शहर की कृषि कॉलोनियों के अलावा 20 से अधिक ऐसे मोहल्ले हैं, जहां पर लोगों को पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलता है. कुछ जगहों पर 3 से 4 दिन में 1 बार पानी सप्लाई होता है. जलदाय विभाग के कार्यालय में समस्या लेकर आने वाले लोगों का तांता लगा रहता है.

इसको लेकर जलदाय विभाग के अधिकारी का कहना है कि जरूरत के हिसाब से ट्यूबवेल खोदे जा रहे हैं. अभी करीब 20 ट्यूबवेल खोलने की अनुमति मिली है. इसके तहत 8 ट्यूबवेल खोदे गए हैं. इनमें से कुछ ड्राई निकले हैं, जबकि कुछ में पानी अच्छा मिला है. इससे आसपास क्षेत्र के लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी.

कुछ क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब

अलवर जिले के कुछ क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब हो रहे हैं. बहरोड़, कठूमर, थानागाजी, राजगढ़ ऐसे क्षेत्र हैं, जो डार्क जोन से भी गंभीर स्थिति में पहुंच चुके हैं. यहां पर पानी का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है. लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता तो वहीं ऐसे में लोगों को जीवन यापन करने में खासी दिक्कत होती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.